अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1403 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जब आप किसी काम को शुरू करने से पहले ही उस काम के परिणाम को लेकर संदेह करने लगते हैं तो समझिए कि आप के असफल होने की पूर्ण... Quote Writer 2 91 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read विचार विचार जब आप किसी कार्य में बार - बार असफ़ल हों तो कुछ समय के लिए उस कार्य को टाल दीजिए l ताकि बार - बार असफल होने की पीड़ा... Quote Writer 2 76 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार आपकी स्वयं के प्रयासों से अर्जित की गई ऊर्जा को अपनी अमानत बनाएं l इसे सही दिशा में उपयोग करें और अपने सपने साकार करें l इस ऊर्जा को... Quote Writer 1 400 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जनता के वोट के साथ धोखा आज आम बात हो गयी है l इसलिए जनता को दल बदलने वाले नेताओं का पूर्ण बहिष्कार करते हुए अपने वोट को ऐसे... Quote Writer 1 101 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार मनुष्य का अवसरवादी होना उसके अति महत्वाकांक्षी होने को परिलक्षित करता है l इस प्रकार के मनुष्य समाज के लिए नासूर होते हैं l अनिल कुमार गुप्ता अंजुम Quote Writer 1 132 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक - वक़्त वक़्त जब भी हाथ से फिसल जाता है अनगिनत घावों का समंदर दे जाता है जब भी वक़्त को काबू में रखा जाता है सफलताओं का कारवाँ रोशन हो जाता... Hindi 1 94 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जीवन में संस्कार ठीक उसी तरह जरूरी हैं जिस तरह शरीर में आत्मा l संस्कारित चरित्र समाज के लिए धरोहर होते हैं वे आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श... Quote Writer 1 90 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार विकास का सही अर्थ है कि देश की जनता को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के साथ साथ शिक्षा देने के बारे में प्रयास किए जाएं ना कि जनता के द्वारा... Quote Writer 1 85 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक जहां भी मिल जाती है ठंडी मीठी छांव वहीं रात गुजर कर लेता हूं चंद फूलों की खुशबू को ही फूलों का गुलशन कर लेता हूं l नहीं इंतजार करता... Hindi · मुक्तक 1 110 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार ग़मों का भी अंत होता है एक दिन और उसके बाद फिर एक नई सुबह खुशियों का कारवाँ रोशन कर देती है | इसलिए परिस्थितियाँ कैसी भी हों ,... Quote Writer 2 362 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार एक प्रभावी वक्ता होने के लिए उपयुक्त शब्दों का चयन अति आवश्यक है | एक भी अनुपयुक्त शब्द का चयन , अर्थ को अनर्थ में परिवर्तित करने की क्षमता... Quote Writer 1 87 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read सदविचार सदविचार निजी स्वार्थ के बगैर किया गया कोई भी सत्कार्य , मोक्ष की दिशा में बढ़ाये गए पहले कदम के रूप में परमात्मा द्वारा स्वीकार किया जाता है | इसलिए... Quote Writer 1 97 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार जब तेरी मुस्कान किसी ग़मगीन के चहरे को मुस्कराहट से भर दे , तो समझ लेना तुम इस उस परमात्मा की सर्वोत्तम कृति हो | अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम... Quote Writer 1 90 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read बहके जो कोई तो संभाल लेना बहके जो कोई तो संभाल लेना फिर चाहे अपना हो या हो पराया चंद मुस्कान रोशन कर देना फिर चाहे अपना हो या पराया सिसकने नहीं देना किसी को भी... Hindi · कविता 1 99 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार उपलब्धियों से परिपूर्ण जीवन से बेहतर है एक शांतिपूर्ण जीवन l ज्यादा उपलब्धियों के लालच में जीवन को अशांति के भंवर में उलझाने मे कौन सी समझदारी है l... Quote Writer 1 104 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार मन को शांत बनाए रखने का सर्वोत्तम तरीका है ध्यान l ध्यान, शारीरिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए ठीक उसी तरह आवश्यक है जैसे बीमारी में दवा l अनिल... Quote Writer 1 113 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर तो किसी के संगीतमय जीवन के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 258 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे वतन की खातिर दुश्मनों को जमीं में गाड़ दे वतन परस्ती की राह में खुद को तू निसार दे आँख जो पड़े दुश्मन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read जब तक हो तन में प्राण जब तक हो तन में प्राण जुबाँ पर हो एक तेरा नाम गिरने जो लगूं तो संभाल लेना रोने जो लगूं तो हँसा देना किसी को सिसकते देखूं तों चल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 104 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read भाग्य प्रबल हो जायेगा जब हर एक दिन को शुभ समझोगे भाग्य प्रबल हो जाएगा जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे भाग्य प्रबल हो जायेगा जब जीवन को जीवन समझोगे भाग्य प्रबल हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 107 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम फरेबियों से बच कर रहना , दुर्बलता का त्याग करो तुम पंकज से तुम पावन रहना , सत्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 78 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं आम के बागों में घूमें , डालियों को झूला बनायें चलो एक बार फिर से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 67 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत स्वयं का खुदा से परिचय कराता है संगीत कहीं माँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 67 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 2 min read आज के बच्चों की बदलती दुनिया आज के बच्चों की बदलती दुनिया बालपन में बचपन को खोजती दुनिया लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 44 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 2 min read हमने देखा है हिमालय को टूटते हमने देखा है हिमालय को टूटते सुनी है उसकी अन्तरात्मा की टीस स्वयं के अस्तित्व को टटोलता मानव मन को टोहता सहज अनुभूतियों के झिलमिलाते रंग फीके पड़ते एक नई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 65 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कुदरत है बड़ी कारसाज कुदरत है बड़ी कारसाज, आओ करें इससे प्यार कुदरत के नज़ारे हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत के किस्से हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत की महिमा अपार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 51 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला सामान्य हुईं सात्विक विचारों भयावहता नज़र अब नहीं आतीं संवेदना और भावुकता लज्जित कर रही काम पूर्ण मानसिकता अस्तित्व को टटोलते संस्कृति व संस्कार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 95 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको सो रही अन्तरात्मा की आवाज जगा दो मुझको बिखर न जाएँ जिन्दगी में ख़ुशी के पल आशा की नई किरणों से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 40 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता भूल जाओ जिन्दगी के नकारात्मक पलों की भयावहता चित्त को जीवन के सचेत तुम रखो न होने दो विचारों को नकारात्मकता से अचेत आत्मविश्वास... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 87 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read समय समय पर जागो , समय पर सोओ समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न दूजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 88 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का न साथ हो कीर्ति... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 83 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर मेरे , बस जाओ मन... Poetry Writing Challenge-2 · कान्हा भजन 1 89 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी तेरी फूलों की खुशबू की मानिंद ,हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 43 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को तू अपने आसमां की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 44 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं पंक्षी भी मधुर स्वर में गुनगुनाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 79 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर नया , नाउम्मीदी का शोर नया नाकाबिल चरित्रों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 88 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं , आओ कुछ ऐसा करें सिंहासन डोल जाएँ , आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा – कतरा देश काम आए दिलों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो कुछ काम करो , कुछ काम करो जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 51 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी मुझको अपनी शरण में ले लो ,हे मनमोहन हे गिरधारी चरण कमल तेरे बलि – बाले जाऊं ,हे मनमोहन हे गिरधारी मिथ्या अभिमान से दूर रखो तुम, हे मनमोहन हे... Poetry Writing Challenge-2 · कान्हा भजन 1 83 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है भाई अपने भाई से, जुदा हो गया है | रिश्तों की मर्यादा ने , सीमाएं लांघ दी हैं इंसानियत का जज़्बा... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · फितरत 1 65 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य जी करता है बाबा बन जाऊं बाबा बनके प्रॉपर्टी बनाऊं अपना खुद का बिज़नेस चलाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं धर्म... Poetry Writing Challenge-2 · व्यंग्य 1 101 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read दीपों की माला दीपों की माला में , जीवन पिरो लो खुशियों से खुद को, सराबोर कर लो बिखेर दो रोशनी , आँगन मे सभी के रंगोली के रंग , जीवन में भर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 70 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल – कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ………………. पक्षियों का कलरव हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 58 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 22 Jan 2024 · 1 min read विचार विचार आवश्यकताओं को जितना कम किया जा सकता है उतना कम करने से जीवन सुखमय हो जाता है l उसी तरह जितने कम संसाधनों में जीवन गुज़रता है उतना ही... Quote Writer 1 113 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Jan 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल - कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ................... पक्षियों का कलरव हो... Hindi · अभिलाषा · कविता 2 122 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 Jan 2024 · 4 min read नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी एक थी बिल्ली , नाम था मिनी | पूरे जंगल में उसके जैसा चालाक कोई और नहीं था | उसके चार बच्चे थे | एक बार की बात है मिनी... Hindi · कहानी · परी की कहानी 1 432 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Jan 2024 · 1 min read नए वर्ष की इस पावन बेला में नए वर्ष की इस बेला में कुछ नई रीत अपनाएँ बच्चों में संस्कार जगाएं बेटियों को भी पढ़ाएं नए वर्ष की इस पावन बेला में .................... पूरब की संस्कृति से... Hindi · कविता · नए वर्ष की पावन बेला 2 70 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jan 2024 · 1 min read जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलता हाथ आती है तब इस बात का संतोष रहता है कि मेरी कोशिश में किसी भी... Quote Writer 1 1 129 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jan 2024 · 1 min read जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि गलती आपकी है l कभी कभी सामने वाले व्यक्ति का आपके प्रति संदेह करना भी... Quote Writer 1 1 195 Share Previous Page 2 Next