Suryakant Dwivedi Tag: Quote Writer 130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suryakant Dwivedi 6 Sep 2025 · 1 min read जब श्रद्धा ही नहीं बची जब श्रद्धा ही नहीं बची तो श्राद्ध कौन करेगा।। सच्चाई है यह। स्वीकार करो Quote Writer 65 Share Suryakant Dwivedi 3 Aug 2025 · 1 min read बचपन की वो बात सुहाती बचपन की वो बात सुहाती उड़ता छाता तन बरसाती कागज की वो नाव निराली तेल में डूबी रुई पुराली आता बादल मन की कहता अपने अपने दिल की सहता ढूंढ... Quote Writer 1 97 Share Suryakant Dwivedi 28 Jul 2025 · 1 min read सभी यहां पर लिखने वाले सभी यहां पर लिखने वाले अपनी अपनी कहने वाले अपने मन की तू भी कह ले अंदर अंदर घुटने वाले।। सूर्यकान्त Quote Writer 107 Share Suryakant Dwivedi 26 Jul 2025 · 1 min read हम तो केवल रंगमहल हैं हम तो केवल रंगमहल हैं रंगों से खेला करते हैं जुगनू जैसे ख़्वाब दिलों में महलों से मेला करते हैं।। सूर्यकांत Quote Writer 96 Share Suryakant Dwivedi 12 Jul 2025 · 1 min read जो बरसे न जमकर वो सावन कैसा जो बरसे न जमकर वो सावन कैसा जो तरसे न जमकर वो साजन कैसा मेघों का आंचल, बरसाती अंखियां जो हरसे न जमकर वो आंगन कैसा।। सूर्यकांत Quote Writer 111 Share Suryakant Dwivedi 1 Jul 2025 · 1 min read बदल गई हैं कितनी अब, कहती पोथियां बदल गई हैं कितनी अब, कहती पोथियां बिना कलम दवात के ही, लिखती पोथियां माना यूनिकोड है, की-पैड उंगलियां बदला नहीं व्याकरण तो, सहती पोथियां।। सूर्यकांत Quote Writer 82 Share Suryakant Dwivedi 23 Jun 2025 · 1 min read बदल-बदल कर आइना जो चेहरा देखा बदल-बदल कर आइना जो चेहरा देखा बदल-बदल कर रूप का जो सेहरा देखा बदल गए हो तुम भी, बदल गया हूं मैं भी धूप की बगिया में जो हमने पहरा... Quote Writer 99 Share Suryakant Dwivedi 16 Jun 2025 · 1 min read सोचता हूं कभी बोलेगी छत अपनी सोचता हूं कभी बोलेगी छत अपनी सोचता हूं कभी बदलेगी रुत अपनी वो मैदान, दीवार, कैंटीन, वो क्लास सूखे फूल, किताब, खत और लत अपनी।। सूर्यकांत Quote Writer 58 Share Suryakant Dwivedi 13 Jun 2025 · 1 min read विमान हादसा ( चौपाई) विमान हादसा ( चौपाई) हर आंखों में पीर समाई राख देह की पांव पसारे। प्राण त्राण हे प्राण पुकारे।। भरी उड़ान, आग का गोला। राम राम हे , काला कोला।।... Quote Writer 84 Share Suryakant Dwivedi 11 Jun 2025 · 1 min read संतानों का दोष नहीं है संतानों का दोष नहीं है कुछ हमको भी होश नहीं है कुछ करनी तो अपनी होगी तभी यहां जय घोष नहीं है।। सूर्यकांत Quote Writer 108 Share Suryakant Dwivedi 9 Jun 2025 · 1 min read उपदेशों की भीड़ में, क्या सोचे इंसान। उपदेशों की भीड़ में, क्या सोचे इंसान। हया चली परदेश को, क्यों होता हैरान तेज हवा से उड़ रहे, अपने पंख अधीर कटा फटा अब चीर है, सोनम या मुस्कान।।... Quote Writer 106 Share Suryakant Dwivedi 4 Jun 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक जब घिर जाएं दुख के बादल, क्यों सोचे तकदीर है चलो उठो नापो यह धरती, कहती यही लकीर है भोर सुहानी लिखे कहानी, हर दिन ही जवानी है कहता... Quote Writer 74 Share Suryakant Dwivedi 31 May 2025 · 1 min read थोड़े से सुख के लिए, करते जतन हजार। थोड़े से सुख के लिए, करते जतन हजार। सबकी अपनी वेदना, घर में रतन अपार।। था अपना भी युग कभी, थी अपनी भी बात हंस कर बोली जिंदगी, मत कर... Quote Writer 107 Share Suryakant Dwivedi 24 May 2025 · 1 min read जीवन में संतोष नहीं है जीवन में संतोष नहीं है जीवन में संघोष नहीं है कहा था मां ने, इक दिन हमसे रहो फकीरा, दोष नहीं है।। सूर्यकांत Quote Writer 76 Share Suryakant Dwivedi 23 May 2025 · 1 min read सब कुछ हमने कह दिया, रहा न कुछ भी शेष। सब कुछ हमने कह दिया, रहा न कुछ भी शेष। यह हमने देखा नहीं, क्या अपना लग्नेश।। सूर्यकांत Quote Writer 81 Share Suryakant Dwivedi 20 May 2025 · 1 min read पूछ-पूछ कर जब थके, प्रियवर मेरा हाल। पूछ-पूछ कर जब थके, प्रियवर मेरा हाल। इक दिन मैंने कह दिया, तुम जैसा रूमाल।। बहुत जोर से हम हंसे , हंसते-हंसते मौन कुछ घर की मजबूरियां, खुशी बताए कौन।।... Hindi · Quote Writer 73 Share Suryakant Dwivedi 20 May 2025 · 1 min read पूछ-पूछ कर जब थके, प्रियवर मेरा हाल। पूछ-पूछ कर जब थके, प्रियवर मेरा हाल। इक दिन मैंने कह दिया, तुम जैसा रूमाल।। हंसे जोर से हम फिर, हंसते-हंसते मौन कुछ घर की मजबूरियां, खुशी बताए कौन।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer · कविता 154 Share Suryakant Dwivedi 17 May 2025 · 1 min read गीतों की कोई थाह नहीं है गीतों की कोई थाह नहीं है गीतों की कोई राह नहीं है बह जाती है मन की गंगा जिसकी अपनी, चाह नहीं है।। सूर्यकांत Quote Writer 68 Share Suryakant Dwivedi 10 May 2025 · 1 min read मरता है जब अपना, दुख पसरे अपार। मरता है जब अपना, दुख पसरे अपार। मरे जब दुश्मन कोई, फूटे खूब अनार। यानी सबकी एक ही, है मंजिल पहचान वतन रहा तो हम रहे, वरना कैसी शान।। सूर्यकांत Quote Writer 70 Share Suryakant Dwivedi 8 May 2025 · 1 min read दिल से दिल की बात नई, दिल से सोचिए दिल से दिल की बात नई, दिल से सोचिए दिल से दिल की रात नई, दिल से सोचिए सोचिए जी बैठकर, वतन से क्या मिला दी जिसने सौगात नई, दिल... Quote Writer 82 Share Suryakant Dwivedi 7 May 2025 · 1 min read दोहा मुक्तक दोहा मुक्तक चुटकी भर सिंदूर है, भारत का त्योहार खींचे पग यमराज ने, देख यहां पर प्यार अंत हुआ उनका तभी, जिनके खूनी हाथ सिंदूरी श्रृंगार है, सिंदूरी अंगार।। सूर्यकांत Quote Writer 91 Share Suryakant Dwivedi 7 May 2025 · 1 min read जय हिन्द की सेना जय हिन्द की सेना हम तो सहकर चुप रहे, बार-बार के तीर। जब पानी हद से गया, तब रोका ये नीर।। आतंकी इस खेल का, सोचा कब अंजाम बढ़ चली... Quote Writer 126 Share Suryakant Dwivedi 4 May 2025 · 1 min read अभी तकाज़ा वतन पे इतना अभी तकाज़ा वतन पे इतना है बोझ भारी कफन पे जितना खबर न उनकी है अब न अपनी बताओ दम है जतन पे कितना।। सूर्यकांत Quote Writer 74 Share Suryakant Dwivedi 1 May 2025 · 1 min read माथे पर सबके लिखी, क्या किसकी तकदीर माथे पर सबके लिखी, क्या किसकी तकदीर रेखाओं के जाल में, उलझी क्यों तस्वीर राजा, रंक, फकीर की, एक यहां पर चाल सांसों के महताज हैं, क्या सरगम क्या ताल।... Quote Writer 1 100 Share Suryakant Dwivedi 28 Apr 2025 · 1 min read पहलगाम की पीड़ा पहलगाम की पीड़ा घाटी-घाटी घूम रहे हैं, देखो तो सेल्फी अपनी चूम रहे हैं, देखो तो अभी नहीं है मौसम, सावन भादो का आहत बादल झूम रहे हैं, देखो तो।।... Quote Writer 85 Share Suryakant Dwivedi 21 Apr 2025 · 1 min read खाई ठोकर चल दिए, यही समय की चाल। खाई ठोकर चल दिए, यही समय की चाल। कहने वाले कब थके, दुनिया तो भूचाल।। रख सीने में हौसला, अपनी मंजिल ठान पूछा किसने कब भला, क्या तेरा है हाल।।... Quote Writer 1 89 Share Suryakant Dwivedi 20 Apr 2025 · 1 min read क्यों करें प्रतीक्षा कल की क्यों करें प्रतीक्षा कल की जबकि कल आता नहीं है समय बिंदु की रेखाओं ! कल कदा भाता नहीं है।। सूर्यकांत Quote Writer 87 Share Suryakant Dwivedi 17 Apr 2025 · 1 min read कुछ बनने की खातिर खपना पड़ता है कुछ बनने की खातिर खपना पड़ता है कभी-कभी तो विष पी, मरना पड़ता है है आग का दरिया, जीवन जिसका नाम दिनकर को भी प्रतिदिन, तपना पड़ता है।। सूर्यकांत Quote Writer 119 Share Suryakant Dwivedi 9 Apr 2025 · 1 min read एक कथा हमने लिखी एक कथा हमने लिखी और लिखे कुछ नाम। भूल गए अपना पता रटते रटते राम।। सूर्यकांत Quote Writer 113 Share Suryakant Dwivedi 9 Apr 2025 · 1 min read नित नूतन संसार रहे नित नूतन संसार रहे नित नूतन ही प्यार रहे आए भोर नित मिलने को दिनकर अरुणिम द्वार रहे।। सूर्यकांत Quote Writer 103 Share Page 1 Next