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आदमीयत  न  तुम  जुदा  रखना दिल में थोड़ी सी तो वफा रखना                  ? लाख कर  ले  सितम  ज़माना ये तुम न दिल में कभी जफ़ा रखना                     ? दाग़  किरदार  पे न  लग  जाए स्याह दिल से तू फासला रखना                     ? खो   गई  हैं   जो  आरजूएं  तो फिर भी जीने का हौसला रखना                       ? मिले तुमको दुआओं की दौलत पास मां - बाप  को सदा रखना                    ? जान  लेना   गुनाह  पहले   तुम  जब किसी से कोई गिला रखना                 ? दफ़्न हो  जाऊं  जब लहद  में  मैं दीप  तुरबत  पे  तुम जला  रखना                     ? खत्म
आदमीयत न तुम जुदा रखना दिल में थोड़ी सी तो वफा रखना ? लाख कर ले सितम ज़माना ये तुम न दिल में कभी जफ़ा रखना ? दाग़ किरदार पे न लग जाए स्याह दिल से तू फासला रखना ? खो गई हैं जो आरजूएं तो फिर भी जीने का हौसला रखना ? मिले तुमको दुआओं की दौलत पास मां - बाप को सदा रखना ? जान लेना गुनाह पहले तुम जब किसी से कोई गिला रखना ? दफ़्न हो जाऊं जब लहद में मैं दीप तुरबत पे तुम जला रखना ? खत्म "प्रीतम" न हो महक दिल से गुल मुहब्बत का तुम खिला रखना
आदमीयत न तुम जुदा रखना दिल में थोड़ी सी तो वफा रखना ? लाख कर ले सितम ज़माना ये तुम न दिल में कभी जफ़ा रखना ? दाग़ किरदार पे...
Hindi · ग़ज़ल/गीतिका
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