हिना
बन गया खूने जिगर रंगे हिना
है दिखाया क्या असर रंगे हिना
जोडे़ की सुर्खी़ भी पीली पड़ गई
कर दिया है बेअसर रंगे हिना
हो गई जब पत्थरों पै वो फ़ना
कर गई दीदा ए तर रंगे हिना
हाथ पीले लब गुलाबी न हुए
है फ़साना मुख़्तसर रंगे हिना
जिसके संग इसने निभाई है वफ़ा
दे मसर्रत उम्र भर रंगे हिना
फिर दुबारा न लगे “प्रीतम”अगर”
हाथ से जाए उतर रंगे हिना
प्रीतम राठौर
श्रावस्ती (उ०प्र०)