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27 Jun 2019 · 1 min read

बचपन की यादें

—–ग़ज़ल—–

माँ का प्यार दुलार मिला दे
बचपन का संसार मिला दे

छोटी ग़लती पर मिलती जो
प्यार भरा फटकार मिला दे

जो थी लुटाती भर भर आँचल
ममता का उपहार मिला दे

गोदी में थक कर सो जाना
स्वर्ग वो फिर इक बार मिला दे

हाथ फिराते दर्द था ग़ायब
दुख का वो उपचार मिला दे

थाम के सीखा है जो चलना
उँगली का आधार मिला दे

या रब “प्रीतम” की सुन विनती
मानूँगा उपकार मिला दे

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती(उ०प्र०)

1 Like · 461 Views
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