Neelam Sharma Tag: ग़ज़ल/गीतिका 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Neelam Sharma 10 Jun 2017 · 1 min read गज़ल चराग मैं बनके चराग-ए-चमन जलती ही रही महबूब बड़ी शिद्धतों से अहले वफा तुमने निभाई खूब...... l ए काश कि हमभी सनम होते तेरी तरह फिर देखते हमभी कि ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share Neelam Sharma 6 Jun 2017 · 1 min read लगा है। फिलबदीह -१३५ मिसरा- मरेंगे बिन तेरे लगने लगा है। काफिया- अने। रदीफ- लगा है। दिल मेरा तो है, आज़ाद पंछी, होकर उन्मुक्त, ये उड़ने लगा है। जब से तुमसे मोहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 304 Share Neelam Sharma 6 Jun 2017 · 1 min read लगी हैं। उन्वान- जब से खामोशियां मुस्कुराने लगी हैं। जिंदगी भी मधुर गीत गाने लगी हैं। जब से खामोशियां मुस्कुराने लगी हैं। हुई शांत तृष्णा जो धधकती थी दिल में बिलखती ज़िन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share Neelam Sharma 6 Jun 2017 · 1 min read देखते हैं। रद़ीफ- देखते हैं। चुरा के वो हमको, नज़र देखते हैं। वो घड़ी दो घड़ी में गज़र देखते हैं। क्या रही मोहब्बत में मेरी,कसर देखते हैं। चलो आज मोहब्बत का,असर देखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 398 Share Neelam Sharma 30 May 2017 · 1 min read नहीं जाता। कुछ रिश्ते साथ होकर भी,याद नहीं आते कुछ दूर हो फिर भी, भुलाया नहीं जाता। ये इश्क हर किसी को रास आए,सच नहीं कोई नहीं भूलता, तो किसी को याद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share Neelam Sharma 30 May 2017 · 1 min read नहीं मिले। रद़ीफ़- नहीं मिले। क्यों इक हसीं ख्वाब सी है, किताब जिंदगी जब चाहा इसे पढलें तो साबूत पन्ने ही नहीं मिले। ढूंढा किए बहुत ज़ीस्त-ए-किताब में, मग़र दिल को दें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 393 Share Neelam Sharma 29 May 2017 · 1 min read जब शब्द बनते हैं तेरी यादों के रंगी तितलियां। तेरी यादों के कुछ रंगीं लम्हे होकर के शब्द भी उड़े बनकर तितलियां ?? सताती है जो वेदना मुझे तेरी जुदाई की आज वो फिर निकली हैं लगाके पंख यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 224 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read गज़ल मिसरा- मेरी चाहत के सांचे में पिघल जा। काफ़िया-पिघल (ल) रद़ीफ़- जा। परवाना खुद ही आता है ख़ाक होने को शम्मा नहीं कहती,तू आकर जल जा। नहीं मिलना मिलाना अब,ख़फा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share Neelam Sharma 28 May 2017 · 1 min read गज़ल मिसरा- जब बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम। काफ़िया-आ रद़ीफ़-क्यूं करें हम। सीधा सादा है महबूब मेरा, उससे शिकवा भला क्यूं करें हम। जब वो रहता है मेरे जिगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read गज़ल मिसरा-आप मेरी जिंदगी बन जाइए। सुनकर मेरी बात मंद मंद न मुस्कुराइए। दिल को आएगा सुकून पास आइए। बस आप ही हमारे दिल में हैं सनम। है कौन दिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read गज़ल २५/५/१८ मिसरा- हमसे ऊंची उड़ान किसकी है। क़ाफ़िया- किसकी ( ई) गिरह- आ करें खुले मैदान में एक मुकाबला, हम भी देखें ,हमसे ऊंची उड़ान किसकी है। १) ये इज़हार-ए-मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share Neelam Sharma 26 May 2017 · 1 min read गज़ल आज का हासिल मिसरा- तुम हकीकत नहीं हो हसरत हो। काफ़िया-अ रद़ीफ़-हो। तुम जियारत हो मुहब्बत की सनम, तुम्हीं मेरे इश्क की नफासत हो। बागबां में तरो ताज़ा खुश्बू फूलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 222 Share Neelam Sharma 25 May 2017 · 1 min read हिसाब मांगे हैं। फ़िलबदीह-१२२ मिसरा- तिरी निगाह तो सारा हिसाब मांगे हैं। गिरह- महबूब मुहब्बत में आशिक से गुलाब मांगें हैं, क्यों,तिरी निगाह तो सारा हिसाब मांगे हैं। १) है लूटा जिसने, नज़रों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 1 min read गज़ल फ़िलबदीह-१२१ २३/५/१७ मिसरा-न जाने वजह क्या हुई खुद खुशी की। काफ़िया-ई रदीफ-की। गिरह- हां कोस रहा था कल वो अपनी खलिश को ही, न जाने पर वज़ह क्या हुई, खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share Neelam Sharma 24 May 2017 · 1 min read किस लिए। काफ़िया- जला(आ) रदीफ-लिए। माना अल्लाह की है तू बेनज़ीर अदा इन्सान, फिर अपने ऊपर खामखां रहा इतरा किस लिए। है रहा निगल आफताब रोज़ ताऱीक ज़ीस्त की, दे रहा आदम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 493 Share Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read जिंदगी बहृ-२१२ २१२ २१२ तुम गये जिंदगी थम गयी, ढूंढते ही रहे जिंदगी। जिंदगी हादसा बन गयी, पर हमको ना मिली वोे कभी। मिलकर तुमसे यूं लगा, देख आईना हंसी/बसी जिंदगी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share Neelam Sharma 23 May 2017 · 1 min read उसके लिए। रद़ीफ-उसके लिए। हैं सारे के सारे रहमों करम सिर्फ उसके लिए, इश्क पहुंचा मेरा, सीमा-चरम सिर्फ उसके लिए। है आमो-खास जिंदगी का फलसफा,उसके लिए, हम तो घूमते रहे हो बदहवास,सिर्फ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 292 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read गज़ल फ़िलबदीह -११९ तारिख़-२१/५/१७ मिसरा-इल्म उसका घटा नहीं सकता। क़ाफ़िया-आ रद़ीफ़-नहीं सकता। गिरह-इस क़दर है खफा माशूका मेरी, इल्म उसका मैं घटा नहीं सकता। १) रोज़ ही मिलतें हैं दो दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share Neelam Sharma 21 May 2017 · 1 min read मिसरा-जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। गज़ल मिसरा-जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। हर इक सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी सच है कि जिंदगी खुशनुमा रंग भरने लगी। जीते जी जो कभी मिट ना पाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share Previous Page 2