Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2017 · 1 min read

गज़ल

चराग
मैं बनके चराग-ए-चमन जलती ही रही महबूब
बड़ी शिद्धतों से अहले वफा तुमने निभाई खूब…… l

ए काश कि हमभी सनम होते तेरी तरह
फिर देखते हमभी कि ये क्या करती मेरी विरह ….l

जलना ही है नसीब में हर रात चराग की
देता है ये तों रोशनी,मिटा रैंना विराग की…….l

एक चराग ही तों है लिए अंधेरा खुदी तले
न जाने क्यों परवाने शमा पे इसकी ही जले ….l

शायद वही खूब जानते,बात खास चराग-ए आभ की
मिलते हैं एेसे जैसे महबूबा मिले माहताब की ………l

बस और क्या लिखूँ मैं गज़ल एक चराग की
रोशन है ज़िससे सारा जहां वो आग है उम्मीद-ए-चराग की ..l

नीलम शर्मा

282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
कवि दीपक बवेजा
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
नर्क स्वर्ग
नर्क स्वर्ग
Bodhisatva kastooriya
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
🌹जिन्दगी के पहलू 🌹
Dr Shweta sood
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
*नज़ाकत या उल्फत*
*नज़ाकत या उल्फत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
2578.पूर्णिका
2578.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मंज़िल को पाने के लिए साथ
मंज़िल को पाने के लिए साथ
DrLakshman Jha Parimal
बदले नहीं है आज भी लड़के
बदले नहीं है आज भी लड़के
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तबकी  बात  और है,
तबकी बात और है,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुश्किल है
Basant Bhagawan Roy
💐प्रेम कौतुक-250💐
💐प्रेम कौतुक-250💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मेरी नन्ही परी।
मेरी नन्ही परी।
लक्ष्मी सिंह
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
होली कान्हा संग
होली कान्हा संग
Kanchan Khanna
*ठेला (बाल कविता)*
*ठेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
मुझे याद आता है मेरा गांव
मुझे याद आता है मेरा गांव
Adarsh Awasthi
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
अपनापन
अपनापन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हो सके तो मुझे भूल जाओ
हो सके तो मुझे भूल जाओ
Shekhar Chandra Mitra
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
Paras Nath Jha
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
VINOD CHAUHAN
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
Shankar N aanjna
Loading...