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माँ
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
#नर्मदा_कल्प_स्तुति
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- अपने बच्चे अब सयाने हो गये...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
मॉ की कोख मैं मुझे न मारो
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम हुई...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- आसमाँ को जमीं पे लायेंगे...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल :- गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:-हर इक़ दिल में तिरंगा रचा-बसा होता....
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- पिता
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- इश़्तहारों में न पड़िए कल्प साहिब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
बेटियों को समर्पित गीत- सजे साज सरगम, घड़ी है सुहानी।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
हे पथिक तुझको है चलना
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- गमों की रात है काली घना अंधेरा है..
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- खुद पर ही शर्मिंदा हैं..
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- युग युगों तक जो सुनें जग वो कहानी चाहिए।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- नज़र जहाँ भी दौड़ाई
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल;- क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल :-दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
शिव-ताण्डव स्तोत्रम हिंदी में- ॐ नमः शिवाय
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
#ग़ज़ल- #वो_चाहता_है कि मैं उसको अब #मुआफ़ करूँ...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल :- कल्प' अभी भी बाक़ी है...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
मित्र
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
मॉ की कोख में मुझे न मारो
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
शिक्षा देना ध्येय हमारा
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
मत माँ के आंचल को बांटो
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल क्या चीज़ होती है
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
व्यंग:- चम्मच तेरी लीला अपरंपार है....
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
दादा जी के दीवाने हम....
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- आज उनसे मेरी गुफ्तगू हो गई
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गीतिका:-दूध अपना सब पिला कर भूख सहती ही रही
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
गीत:- नवरात्रि त्यौहार, तो पावन होता है।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल-मेरा ख़ालिस मेरा हमदम तुझे उस़्ताद मैं मानूँ
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- करके शक़ मुझपे सबालात किये जाते हैं
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल:- नये अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
वोटर नही है कम, वोटर में है दम - एक चुनावी रचना
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- ये नज़रें न होती इशारे न होते...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- जो प्यार दिल में है वो आँखों से झलकता है।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा।
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
ग़ज़ल- अब अमन लाकर रहूँगा
अरविन्द राजपूत 'कल्प'