अरविन्द राजपूत 'कल्प' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए... जिसमें हो रूहानियत ऐसी कहानी चाहिए। शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए।। प्यार करने, के लिये फिर से ज़वानी चाहिए। रात हो गुलज़ार ख़ुशबू रात-रानी चाहिए। मौज़-ए-रानाई फरिश़्ता ख़ूबसूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 702 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल- अब की होली में मुझे मिला सभी का प्यार अबकी होली में। खिज़ां में आ गई बहार अबकी होली में।। चढ़ा है भाँग का खुमार अबकी होली में। नशा हुआ है बेशुमार अबकी होली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 645 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- तीर नजरों से अपनी चलाते हो क्यों सालिम:फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन (212 212 212 212 ) तीर नजरों से अपनी चलाते हो क्यों। मेरे दिल को निशाना बनाते हो क्यों।। फर्ज़ कहकर मदद मेरी करते रहे ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 630 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 May 2018 · 1 min read करबटें बदलूँ मैं हरदम क्या हुआ होगा उसे कोई पता मिलता नही। दिल मेरा घबराता क्यों है कुछ समझ आता नही।। नींद अब आती नही है ख्वाब बेगाने हुये। करबटें बदलूँ मैं हरदम ख़्याल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 581 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ... क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ। दुनिया की हर बला का मैं ही इक़ निदान हूँ।। अस्तित्व में सिफ़र हूँ, ज़माना ये मानता। मत शून्य मुझको समझो , मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 549 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गुलशन में कंगाली है... गुलशन में कंगाली है। माली ही तो जाली है।। अच्छे दिन कब आयेंगे। हर घर में बदहाली है।। भूख मिटेगी कैसे अब। थाली ही तो खाली है।। तांडव हाकिम मचा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 531 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Oct 2020 · 1 min read #ग़ज़ल:- दे नशा भरपूर मेरी शाइरी... दे नशा भरपूर मेरी शाइरी। ग़म से रक्खे दूर मेरी शाइरी।।1 मयकशी भी जब असर करती न हो। तब करे मख़मूर मेरी शाइरी।।2 फ़लसफ़ा हर शे'र में भरपूर हैं। है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 549 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- दिल में मिलन की आस रहने दो... दिल में मिलन की आस रहने दो। सूखे लबों पे प्यास रहने दो।। वो तेरा है तू उसका है सच है। छोड़ो उसी को खास रहने दो।। जब भूख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 503 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 13 Jul 2018 · 1 min read है कर्मवीर वो है कर्मवीर वो जो खुद भाग्य लिख दिया करें। है धर्मवीर वो जो परहित मे जाँ दिया करें।। बेकार है वो जीवन जो अपने में लगा रहे। जीवन वही सुखी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 533 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल :- कल्प' अभी भी बाक़ी है... हारो नहीं विकल्प अभी भी बाक़ी है। जीतोगे संकल्प अभी भी बाक़ी है।।। जिंदा रहूंगा इस दुनिया से जाकर मैं। मेरा ये संकल्प अभी भी बाक़ी है।। ख़त्म हुए सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 541 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल- कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा कभी आश़िक कभी मामा, कभी सजना बना चंदा। लुभाता है ज़माने को, मुहब्बत से भरा चंदा।। सुहागिन पूजती इसको, अटल सौभाग्य की ख़ातिर। करे सौभाग्य की रक्षा, ये करवा चौथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 494 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल:-लिखे जो गीत हैं मैंने वह्र:- 1222 1222 1222 1222 लिखे जो गीत हैं मैंने कभी तुम गुन गुनाओगे। रहूँगा याद बनकर मैं मुझे तुम दिल में पाओगे।। न समझो आज तुम मुझको नही कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 473 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- ये नज़रें न होती इशारे न होते... बह्रे- मुतकारिब मुसम्मन सालिम अर्कान- फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊलुन ये नज़रें न होती इशारे न होते। तो रिश्ते हमारे तुम्हारे न होते।। जो विस्वास होता, हमें बाजुओं पे। तो हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 534 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा। मेरी आशिक़ी भी तू है, तू ही है हब़ीब मेरा। तेरा साथ जो मिला है, तू बना नसीब मेरा।। तुझे चाहती है दुनियाँ, तेरे हैं हजारों आशिक़। तुझे मैंने रब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 485 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जमाना देखिये कितना बिगड़ गया साहिब *ग़ज़ल* जमाना देखिये कितना बिगड़ गया साहिब। हमारी जान के पीछे ही पड़ गया साहिब।। बड़े ही शौक से इक़ आशियां बनाया था। ज़रा से शक मे ये गुलशन उजड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 531 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है... मुसलसल ग़ज़ल:- सरिता-साहिल और सागर कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है। साहिल की रुकना मजबूरी रहती है।। एक कदम ना साथ चले साहिल उसके। दर्द जुदाई सरिता घटघट सहती है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 506 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Oct 2019 · 1 min read गजल - न छोड़े साथ जीवन भर वो जीवन संगनी हो तुम न छोड़े साथ जीवन भर, वो जीवन संगनी हो तुम।। अधूरी जिंदगी तुम बिन, मेरी अर्धांगिनी हो तुम।। सदा सुख दुःख का इक साथी, दिया मैं वो मेरी बाती। दुःखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 552 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जन्म से मृत्यु तक, काम आते तरू जन्म से मृत्यु तक, काम आते तरू। दुल्हनों सा धरा को सजाते तरू।। मूक अविचल अडिग, धूप तूफ़ा सहें। बदले पत्थर के भी, फ़ल लुटाते तरू।। पेड़ पौधों से सीखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 468 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी... मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। सज़ी महफ़िल यहां आख़िर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। ज़मा साहित्य के साहिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। हसीं महफ़िल बड़े शाइर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। नज़र पैनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Nov 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया... तारीफ़ करना ग़ज़लों में व्यौहार हो गया। तनक़ीद करने वाला गुनहगार हो गया।। सच बोलना पसंद किसी को नही यहाँ। तारीफ़ झूठ-मूठ ही उपहार हो गया।। आभासी फेसबुक पे चलन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 479 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल- महका है दिल कि गुल खिला गुलशन में जिस तरह महका है दिल कि गुल खिला गुलशन में जिस तरह। कोई मयूर नाचता सावन में जिस तरह।। महका हुआ दयार है अब मेरा चार सू। खुशबू बिखेर वो गये आंगन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 473 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम... पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम। ज़रा ज़रा सी ख़ुशी है ज़रा ज़रा सा ग़म।। मिली ख़ुशी या मिला ग़म, अज़ीब है दरहम। विदा का ज़ख्म तो साजन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 475 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल- खार है जिनकी जुबां पर हो गए गुलफाम ?? एक ग़ज़ल आपकी सलाह हेतु ख़ार हैं जिनकी ज़ुबां पर हो गये गुलफाम वो। सच की राहों पे चले जो, हो गये बदनाम वो।। मयकदे के रोज़ ही चक्कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 442 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ.... सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ। अपने ही जैसा कल्प दोबारा नहीं हुआ।। आया था अकेला तू अकेला ही जा रहा। ख़ुद के सिवाय कोई सहारा नहीं हुआ।। इक़ वार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 13 Jul 2018 · 1 min read तू गुलसिता वो बागबांँ तेरा.. ये ज़मीं और ये मकाँ तेरा। भूल तेरी न कुछ यहाँ तेरा।। कर सके जो भला किसी का तू। चार दिन का है ये *समाँ* तेरा।। बंद कर दे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल:-हर इक़ दिल में तिरंगा रचा-बसा होता.... किसी को सच का सही में अता पता होता। ख़ुदा न आदमी का यूं ज़ुदा-ज़ुदा होता।। हमारा मुल्क़ न टुकड़ों में यूं बटा होता। न मेरे मुल्क़ का नक़्शा कटा-छटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 449 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल क्या चीज़ होती है ग़ज़ल क्या चीज़ होती है इसे मै ना समझ पाया। ये होता काफ़िया क्या है बह्र कितना समझ पाया।। न मतला ही समझ आया न मकता जानता हूँ मैं। ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 463 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Aug 2019 · 1 min read ग़ज़ल:- सदे अल्फ़ाज़ जब बह्रों में सज श्रृंगार करते हैं... सदे अल्फ़ाज़ जब बह्रों में सज श्रृंगार करते हैं। सुखन के क़ायदे ही तो ग़ज़ल तैयार करते हैं।। ▪▪?▪▪ बिना वज़्नों के ये अरकान भी दम तोडते अक़्सर। हैं कितने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 417 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया बहरे मज़ारिअ मुसमन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महज़ूफ़ मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन 221 2121 1221 212 यादों से हमको अपनी, भुलाने का शुक्रिया। यूँ उंगलियों पे अपनी, नचाने का शुक्रिया। पाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 422 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- पेड़ बड़ा हो इतराये... पेड़ बड़ा हो इतराये। देख जड़ों को शरमाये।। अपनों से डर लगता है। गैरों से कब घबराये।। अक़्सर झुक कर चलते हम। सर न फ़लक से टकराये।। सागर सहम गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 426 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जोड़कर इन सरफिरों को क्या करोगे जोड़कर इन सरफिरों को क्या करोगे। तोड़ कर इतने दिलों को क्या करोगे।। एक घर अपना सम्हलता है नही तो। जीत कर सारे किलों को क्या करोगे।। बाँट कर हिंदू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Jun 2018 · 1 min read चलाते पीठ पर उनको तो खंजर हमने देखा है बदलता वक़्त रहता है ये तेवर हमने देखे हैं। नदी नालों न उफनाओ समंदर हमने देखे हैं।। हुए कितने ज़माने में चले जो जीतने दुनिया । गये हैं हाथ खाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 412 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदगी का निशान बाक़ी हैं.... जिंदगी का निशान बाकी हैं। मुझ में अब भी तो जान बाकी है।। हौसलों की उड़ान बाकी है। नापने आसमान बाकी है।। हार तो हम गये बहुत पहले। झूठ तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 413 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jun 2018 · 1 min read खनकती चूड़ियों से हमने तो सरगम चुराए हैं बह्र-हज़ज मुसम्मन सालिम वज़्न - 1222 1222 1222 1222 ग़ज़ल खनकती चूड़ियों से हमने तो सरगम चुराए हैं। मुहब्बत के शजर सहरा में भी हमने उगाए हैं।। वो होगें और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Aug 2021 · 1 min read ग़ज़ल:- अक़्सर.... खुश़्बुओं पर मैं लपक जाता हूॅं अक़्सर।। राह से अपनी भटक जाता हूं अक़्सर। मिल गया चुनने अगर दाना कहीं तो। मैं परिंदों सा चहक जाता हूं अक़्सर।। एक पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- राख को बारूद कर आतिश न कर... राख को बारूद कर आतिश न कर। यूँ ज़रा सी बात पर नाज़िश न कर।। हूॅं अभी मैं पारदर्शक काँच ही। बन न जाऊॅं आइना पॉलिश न कर।। अक़्ल का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन... हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन। हमारी जान ही ले कर निकल गए साजन।। हमारी हड्डियों का चूरमा बना डाला। समझके हमको तो गद्दा उछल गये साजन।। समझ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 422 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Oct 2019 · 1 min read गजल- आप ही हमराज मेरे, आप ही सरकार हो.. *ग़ज़ल* आप ही हमराज मेरे, आप ही सरकार हो। आपसे खुशियां हमारी, खुशियों का संसार हो।। गीत गज़लों में तुम्हीं हो, सप्त सरगम आपसे। गीत हो तुम जिंदगी का, राग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 404 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- नये अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे अंदाज में अब हम, दिवाली यूँ मनाएंगे। जलायेंगे बुराई को तभी, दीपक जलायेंगे।। अभी भी दर-बदर फिरते, हैं लाखों बेसहारा हैं। मिले इक घर, जो बेघर को, तभी हम घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 427 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल- तीर अब बाकी नही हैं अर्जुनी तूणीर में तीर अब बाकी नही हैं अर्जुनी तूणीर में। धार पैनी भी नहीं अब राणा की शमशीर में।। अब नही दीवानगी है इश्क़ की तासीर में। रब नज़र आता नहीं अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 382 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है... अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है। अकड़ में टूट जाना लाज़मी है।। नही छोटा बड़ा कोई ज़हाँ में। मुकद्दर का खिलौना आदमी है।। दिखाता ख़्वाब खुशियों के शहंशाह। वतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 375 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल- तुमको चाहा रब से ज्यादा, तुम मेरे भगवान हो तुमको चाहा रब से ज्यादा, तुम मेरे भगवान हो। भक्त बन करता मैं पूजा, तुम मेरा ईमान हो।। क्यों तेरे बिन रह न पाऊं, एक पल भी अब सनम। दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Jun 2019 · 1 min read गज़ल- जब तलक शम्अ ये दिल में जलती रहे जब तलक शम्अ ये दिल में जलती रहे। आस दीदार की दिल में पलती रहे।। आरज़ू दिल की है आख़िरी ये मेरी।। वस्ल तक ही सही सांस चलती रहे।। सिलसिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हो गया सो हो गया हम क्या करें... हो गया सो हो गया हम क्या करें। खो गया तो खो गया हम क्या करें।।। रात भर जागा तो दिन में सो गया। सो गया तो सो गया हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 471 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल:- आज उनसे मेरी गुफ्तगू हो गई आज उनसे मेरी गुफ्त़गू हो गई।। पूरी जन्मों की अब जुस्तजू हो गई।। पास अपने मुझे पाके कहने लगी। आज पूरी मेरी आरज़ू हो गई।। मैंने कौयल को जब गुनगुनाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में। बदन महकता पसीने से ही नहाने में।। बहाते खून पसीना महल बनाने में। लगे हैं लोग वहीं झुग्गियां जलाने में।। ज़मने भर की ख़ुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- महबूब ही ख़ुदा मेरा महबूब बंदगी..... महबूब ही ख़ुदा मेरा महबूब बंदगी। महबूब ख़ूबरू मेरा महबूब सादगी।। महबूब मेरा बन गया पहचान अब मेरी। तेरे बग़ैर जिंदगी लगती है खस्तगी।। जुल्मों सितम किये तेरी अस्मत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 447 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल:- सादगी से अब नही जी पा रहा है आदमी सादगी से अब नही जी पा रहा है आदमी। आदमी को आदमी बन खा रहा है आदमी।। था बुजुर्गों से सुना डायन भी छोड़े एक घर। साँप बन खुद के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल- न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी... बह्र-मुतक़ारिब मुसम्मन सलीम अरकान- फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन न जीवन बचेगा, बचा जो न पानी। वो इंसान भी क्या, न हो जिसमें पानी।। (पानी-जल। पानी-स्वाभिमान) चमक तेग की भी पड़ेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 May 2018 · 1 min read तेरे ही प्रोफाइल पर इस कदर नज़रें टिकी हैं तेरे ही प्रोफाल पर। छा गया चेहरा तेरा मेरे हर एक वॉल पर।। बजती जब घण्टी कभी बस ख़्याल तेरा ही रहे। ढूंढता मैसेज फिरूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 357 Share Page 1 Next