Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2018 · 1 min read

स्वदेश-प्रेम

शान तिरंगा देश की,सुनो लगा सब कान।
ऊँचा फहरे रोब से,यही देश का मान।।

खुद से बढ़कर देश हो,जाए चाहे जान।
खुद ही जलके सूर्य भी,रोशन करे जहान।।

जीत सुने जब देश की,होती ख़ुशी अपार।
कहते इसको यार हम,सच्चा देशी प्यार।।

हार सुने जब देश की,जलता दिल है ख़ूब।
सोचे दुश्मन ढ़ेर हो,मरे कहीं पर डूब।।

शहीद होते वीर जो,उनको सदा सलाम।
हारी बाजी जान की,रखा देश का नाम।।

शिक्षा-दिक्षा पाय के,बढ़िए पग तुम चार।
शिक्षित सभ्य लोग तो,ऊँचा देश अपार।।

समृद्धि शांति ओज के,प्रतीक रंग तीन।
गतिशीलता चक्र दे,ध्वज में सब हैं लीन।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
————————————

Language: Hindi
339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
तज द्वेष
तज द्वेष
Neelam Sharma
नखरे हज़ार तेरे, अपने सर उठाऊंगा,
नखरे हज़ार तेरे, अपने सर उठाऊंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
ये खामोशियाँ मुझको भाने लगीं हैं।
ये खामोशियाँ मुझको भाने लगीं हैं।
Manisha Manjari
झुलनिया कहां गिरवलू
झुलनिया कहां गिरवलू
Shekhar Chandra Mitra
दोहे
दोहे
s.g.n.30360
3248.*पूर्णिका*
3248.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अकेलापन
अकेलापन
Ragini Kumari
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
पूर्वार्थ
बाघों की चिंता करे,
बाघों की चिंता करे,
sushil sarna
रावण अब भी जिंदा है
रावण अब भी जिंदा है
श्रीहर्ष आचार्य
ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी
ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी
अंसार एटवी
पसंद उसे कीजिए जो आप में परिवर्तन लाये क्योंकि प्रभावित तो म
पसंद उसे कीजिए जो आप में परिवर्तन लाये क्योंकि प्रभावित तो म
Ranjeet kumar patre
दोहे रमेश के करवा चौथ पर
दोहे रमेश के करवा चौथ पर
RAMESH SHARMA
T
T
*प्रणय*
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
मौत
मौत
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
मनोज कर्ण
पदावली
पदावली
seema sharma
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
Suryakant Dwivedi
कॉफ़ी हो या शाम.......
कॉफ़ी हो या शाम.......
shabina. Naaz
राही आंगे बढ़ते जाना
राही आंगे बढ़ते जाना
राकेश पाठक कठारा
अपना ख्याल रखियें
अपना ख्याल रखियें
Dr .Shweta sood 'Madhu'
परत
परत
शेखर सिंह
अंधेरा छाया
अंधेरा छाया
Neeraj Mishra " नीर "
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...