Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

विषय:- विजयी इतिहास हमारा। विधा:- गीत(छंद मुक्त)

मुखड़ा
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते,शूरवीरों को नमन हमारा।
अंतरा
सूर्य अपना केसरिया रंग आसमां पर छितरा रहा था।
विश्वास स्वयं सविता बनकर,नव अंबर पर छा रहा था।
शहीद हुए सैनिक का गौरव,विजय गीत सुना रहा था।
अंतिम साँस तक लड़ा बांकुरा,आत्म विश्वास नहीं हारा-

मुखड़ा
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते, शूरवीरों को नमन हमारा।

अंतरा
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
देश भक्ति की फुंकारों से,लावा बलिदान का वो दहका गया।
करके गया था आने का वादा,वो लिपट तिरंगा ले आ ही गया।
भारत के चौड़े सीने पर चमका तमगा,बन वो शौर्य गाथा न्यारा-

मुखड़ा
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते, शूरवीरों को नमन हमारा।

अंतरा
बेटी वसुधा नाम धरो,ग़र पुत्र हो तो वतन नाम शुभ धरना।
अंतिम इच्छा प्राण प्रिया यही,मेरी इच्छा पूरी तुम करना।
गर्व करना बलिदान पर मेरे,तुम प्रिय नीर नयन मत भरना।
शहीद हो,मरने से पहले मैंने दुश्मन को ललकार कर मारा-

सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
बलिदान हुए कर्तव्य निभाते, शूरवीरों को नमन हमारा।
नीलम शर्मा

1 Like · 105 Views

You may also like these posts

।।
।।
*प्रणय*
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
Abhishek Soni
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा
ललकार भारद्वाज
दिए जलाओ प्यार के
दिए जलाओ प्यार के
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अमीर
अमीर
Punam Pande
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
सुमिरन ,ध्यान ,योग, सरल जीवन शैली मनुष्य को सरलता का समर्थन
सुमिरन ,ध्यान ,योग, सरल जीवन शैली मनुष्य को सरलता का समर्थन
Shashi kala vyas
!!कभी मत हारना!!
!!कभी मत हारना!!
जय लगन कुमार हैप्पी
एक छाया
एक छाया
Buddha Prakash
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्यों बात करें बीते कल की
क्यों बात करें बीते कल की
Manoj Shrivastava
" चार पाई"
Dr. Kishan tandon kranti
अनाथों की आवश्यकताएं
अनाथों की आवश्यकताएं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
Hello
Hello
Yash mehra
*शरीर : आठ दोहे*
*शरीर : आठ दोहे*
Ravi Prakash
दिन अंधेरे हैं, सबक चमकते हैं,
दिन अंधेरे हैं, सबक चमकते हैं,
पूर्वार्थ
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
gurudeenverma198
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
चांद सूरज भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं,
चांद सूरज भी अपने उजालों पर ख़ूब इतराते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है
अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है
Shweta Soni
दोहा
दोहा
seema sharma
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Annapurna gupta
आंखों की भाषा
आंखों की भाषा
Mukesh Kumar Sonkar
Life
Life
Neelam Sharma
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
Rituraj shivem verma
मानव का मिजाज़
मानव का मिजाज़
डॉ. एकान्त नेगी
आदमी कहलाता हूँ
आदमी कहलाता हूँ
Kirtika Namdev
Loading...