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8 Jan 2018 · 1 min read

एक चतुर नार

?????
एक नार निकली चतुर, करके सब श्रृंगार।
धीरे-धीरे से धुसी, मेरे मन के द्वार।। 1

उस नारी का दास मैं, जिससे लागे नैन।
भटक रहा हूँ राह में, मिल जाये तो चैन।। 2

का-का कर कितना करे, कारे कागा शोर।
उस नारी के संग ही, लागे नैना मोर।। 3

इंदु, चकोरी, चाँदनी , उस नारी का नाम।
दुनिया नाचे ताल पे, ता ता थइया राम।। 4

ये चतुर होशियार है, समझ न इसको गाय।
चक्कर छोड़ेगा नहीं, मर जायेगा हाय।। 5

चतुराई दुनिया करे, लाख बिछाये जाल।
छुट्टी सबकी वो करे, सीधी कर दे चाल।। 6

बड़ी निगोड़ी चाँदनी, कितना मुझे जलाय।
छिटके तो चुपचाप से, चित मोरा बिसराय।। 7

????—लक्ष्मी सिंह?☺

2 Likes · 1 Comment · 886 Views
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