Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2017 · 1 min read

“आज के विद्यार्थी”

जिन्हें जाना था विद्यालय,
वो मदिरालय को जाते हैं।
जिन्हें गाना था जन गण मन,
वो फ़िल्मी गीत गाते हैं।।
बिछा सकते नही जो,
प्रेम की एक भी चादर।
वही बारूद मंदिर और,
मस्जिद में बिछाते हैं।।

जयंती याद जिन्ना की,
आरती राम की भूले।
रटे हैं गीत कजरारे,
ये बंदे मातरम भूले।।
महापुरुषों के बारे में,
नकारा हो गया चिंतन।
विपाशा का जन्मदिन याद,
गांधी का जन्म भूले।।

Language: Hindi
1 Like · 1178 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम की ज्योत
प्रेम की ज्योत
Mamta Rani
हायकू
हायकू
संतोष सोनी 'तोषी'
रोपाई
रोपाई
Ashok Sharma
प्यार की पाठशाला
प्यार की पाठशाला
सुशील भारती
प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
शुभ
शुभ
*प्रणय प्रभात*
कभी जब नैन  मतवारे  किसी से चार होते हैं
कभी जब नैन मतवारे किसी से चार होते हैं
Dr Archana Gupta
"हम किसी से कम नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
*हरा रंग सारे रंगों पर, देखो तो सबसे भारी है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
कवि रमेशराज
एक कहानी.. अधूरी सी
एक कहानी.. अधूरी सी
Ami
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
ललकार भारद्वाज
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
उड़ान
उड़ान
Saraswati Bajpai
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जब इक कहानी की अंत होती है,
जब इक कहानी की अंत होती है,
Ajit Kumar "Karn"
3689.💐 *पूर्णिका* 💐
3689.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Don't leave anything for later.
Don't leave anything for later.
पूर्वार्थ
मुक्ताहरा सवैया
मुक्ताहरा सवैया
Kamini Mishra
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
Neelam Sharma
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
तेरे सहारे ही जीवन बिता लुंगा
Keshav kishor Kumar
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
Jogendar singh
*आजादी की राखी*
*आजादी की राखी*
Shashi kala vyas
10 अस्तित्व
10 अस्तित्व
Lalni Bhardwaj
"" *माँ की ममता* ""
सुनीलानंद महंत
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
Neelofar Khan
Loading...