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22 Jan 2017 · 1 min read

**** सावण आयो झूम के****

सावण आयो झूम कै अंखियां बरषण लागी म्हारी
नैणा सूं बरषण लाग्यो ज्यों दरया रो पाणी ।

प्रितमड़ा तूं दूर जाके भूल गयो क्यों प्रेम री वाणी ।।
सावण आयो झूम कै अंखियां बरषण लागी म्हारी 1
हिवड़ो धड़-धड़ धड़कन लाग्यो फाटे ली ज्यूं छाती म्हारी

मिळणे और बिछडन रो आयो है क्यूं दुःखडो भारी
प्रितमड़ा तूं आ समझा जा हिरदे ने हिरदे री वाणी
सावण आयो झूम कैअंखियां लागी म्हारी 2

नीर टप-टप तपकण लाग्यो भीजी है छाती म्हारी
मिळणे रा दिन कद फिर आसी आस लगायो है ज्यों स्वाति
प्रितमड़ा तूं जल्दी आजा आके जला दे प्रेम री बाती

सावण आयो झूम कै अंखियां बरषण लागी म्हारी 3
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
536 Views
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