‘तकनीकी दाग’

‘तकनीकी दाग’
तकनीक की समझ रखना जरूरी है. उससे भी ज्यादा जरूरी उसका सही ढ़ंग से सही जगह प्रयोग करना है. अगर ये एक्सपेरिमेंट है, फिर तो और भी संभलना चाहिए. अपनों के साथ इसके प्रयोग के दौरान तो हर बार से भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
आज ऐसी ही एक घटना घटी. यूँ ही किसी रील में बताई तकनीक का प्रयोग अपने करीबी के साथ किया तो मामला बिगड़ गया. आरोपों के दाग मुझ पर लगने लगे. ऐसा होता देख तकनीक की जानकारी और समझ के अभाव में हुई गलती को सुधारने में जुट गया.
मगर एहसास हुआ कि मेरी सच्ची सफाई भी उन दाग को साफ़ ना कर सकी. या शायद दाग धुल गए हैं, मगर उसके निशान गहरे जम गए हैं, जो कभी भी नजर आ सकते हैं.
मैंने अनजाने में हुई तकनीकी भूल तो सुधार ली मगर उसका क्या जो अनजाने में हुई गलती के कारण दाग बनकर मेरे ऊपर जमा दिए गए हैं.