ये धरती महान है
ये धरती महान हैं
ये धरती महान है
कण कण में भगवान है।
कहीं कला मूलक हैं
कहीं उपयोगिता मूलक है
कोई विज्ञान मूलक
तो कोई औषधि मूलक है
सब जगह विद्यमान है
ये धरती महान है।
कण कण में भगवान है।
है कही स्पंदनशील,
वर्तुल और घूर्णन हैं।
हर सासों में एक ही नाम है
हे भगवान है, हे भगवान है
ये धरती धनवान है।
कण कण में भगवान है।
जहां न्याय ,धर्म , सत्य है
व्यवस्था का आगाज़ है
शिक्षा रक्षा व स्वास्थ्य का
होता आविर्भाव है।
ये संतों,बुद्धों,गुरुओं की पुकार है।
ये धरती की परोपकार है
कण कण में भगवान है
ये धरती महान है।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
शिक्षक जिला दुर्ग