सुंदर हो सपने कैसे साकार लिखो :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ११८)
गीतिका
———– सपने हो कैसे साकार लिखो ।
स्वर्णिम हो शुभकर कैसे संसार लिखो।
दुल्हिन को लज्जा हो सोने का गहना
साजन की बाँहों का भी उपहार लिखो ।
सदा सुहागन रहें नारियॉ देवी – सी ,
महके घरका कानन, रति – श्रंगार लिखो !
बच्चों को मॉ का आँचल , संरक्षण भी,
मिले पिता का साथ , सुवासित प्यार लिखो!
मानवताके तुम ललाट पर सुनो , विधाता!
कर्तव्यों को मिले कमल अधिकार लिखो !!
—— जितेन्द्र कमल आनंद