ग्वाल वाल राधिका– गोपियों से अंतस: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८०,गीत)
कवि के गीत वसंती ऋतु में
पवने भी मनमोहित करते ।।
ग्वाल – वाल ,राधिका – गोपियों
से अंतस आनंदित करते ।।
रंग – पर्व , सुकाव्य में ,
अक्षर – भाव घनेरे !
कवि क् गीत वसंती ऋतु में —
पवने भी मन मोहित करते ।।
—– जितेंद्रकमलआनंद