ऊँची पहाड़ियों पर भी बर्फ पिघलते हैं,
ऊँची पहाड़ियों पर भी बर्फ पिघलते हैं,
धरती की गोद से भी फरिश्ते निकलते हैं।
ज़रूरत है बस एक बीज की,
वरना हवा में भी फूल खिलते हैं।
बिंदेश कुमार झा
ऊँची पहाड़ियों पर भी बर्फ पिघलते हैं,
धरती की गोद से भी फरिश्ते निकलते हैं।
ज़रूरत है बस एक बीज की,
वरना हवा में भी फूल खिलते हैं।
बिंदेश कुमार झा