इन्सान नहीं अगर नहीं साथ दिया :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट५०)
रुबाई ::
———–
इंसान नहीं अगर नहीं साथ दिया ।
सत्कर्म — धर्म किया न ही काम लिया ।
‘ कमल ‘ तो सदा सत्य कहे , सत्य सुने ।
वह धर्म नहीं अगर नहीं उपकार किया ।।५!!
—– जितेन्द्र कमल आनंद
रुबाई ::
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इंसान नहीं अगर नहीं साथ दिया ।
सत्कर्म — धर्म किया न ही काम लिया ।
‘ कमल ‘ तो सदा सत्य कहे , सत्य सुने ।
वह धर्म नहीं अगर नहीं उपकार किया ।।५!!
—– जितेन्द्र कमल आनंद