Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2016 · 1 min read

जयबालाजी:: पंक राशि में अनासक्त रह कमल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( ४४)

ताटंक छंद क्रमॉक ४४

पंक- राशि में अनासक्त रह ,कमल कलुष उरका धोता
खिल जाती तब भक्ति कली – सी , रश्मि अवतरण जब होता ।
देती मधु मकरंद – स्पंद फिर, भक्ति ह्रदय कर मतवाला
कर देती अंतर आह्लादित , कर कलरव कोयल वाला।।

— जितेंद्रकमलआनंद

Language: Hindi
478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"रूढ़िवादिता की सोच"
Dr Meenu Poonia
"बीच सभा, द्रौपदी पुकारे"
राकेश चौरसिया
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jai Prakash Srivastav
तुम हो कौन ? समझ इसे
तुम हो कौन ? समझ इसे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मेरे ख्वाब ।
मेरे ख्वाब ।
Sonit Parjapati
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
***इतना जरूर कहूँगा ****
***इतना जरूर कहूँगा ****
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
" नवा बिहनिया खातिर "
Dr. Kishan tandon kranti
उम्मीद
उम्मीद
NAVNEET SINGH
सोने के सुन्दर आभूषण
सोने के सुन्दर आभूषण
surenderpal vaidya
कोशिश  करो  ये  तुमसे  गुनाह  भूलकर  ना  हो
कोशिश करो ये तुमसे गुनाह भूलकर ना हो
Dr fauzia Naseem shad
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
दुनिया समझने की तकनीक आ गयी
दुनिया समझने की तकनीक आ गयी
kakul.konch
अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार  पे बिखर जाने दो।
अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार पे बिखर जाने दो।
sushil sarna
4170.💐 *पूर्णिका* 💐
4170.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हरिगीतिका छंद
हरिगीतिका छंद
Subhash Singhai
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
# खरी  बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए
गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए
VINOD CHAUHAN
प्रभु वंदना
प्रभु वंदना
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
*नमस्तुभ्यं! नमस्तुभ्यं! रिपुदमन नमस्तुभ्यं!*
*नमस्तुभ्यं! नमस्तुभ्यं! रिपुदमन नमस्तुभ्यं!*
Poonam Matia
नववर्ष (व्यंग्य गीत )
नववर्ष (व्यंग्य गीत )
Rajesh Kumar Kaurav
फिर आयी सेल
फिर आयी सेल
Chitra Bisht
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
Ravikesh Jha
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जब तक आप जीवित हैं, जीवित ही रहें, हमेशा खुश रहें
जब तक आप जीवित हैं, जीवित ही रहें, हमेशा खुश रहें
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
जाते जाते कुछ कह जाते --
जाते जाते कुछ कह जाते --
Seema Garg
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
मोर पंख सी नाचे धरती, आह सुहानी
Suryakant Dwivedi
हमको तन्हा छोड़ गया
हमको तन्हा छोड़ गया
Jyoti Roshni
Loading...