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15 Jun 2024 · 1 min read

तुम हो कौन ? समझ इसे

तुम हो कौन ? समझ इसे
🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵

मानव तन अनमोल हो तू
स्वस्थ्य गात मानष मन हो

अमूल्य जीव सरताज हो तू
ज्ञानी बालक का पहचान हो

दुनियादारी ज्ञान अर्जन हो
माता पिता का प्राण हो तुम

देश गर्व अभिमान हो तुम
दिलोजान में प्यारा-सा तुम

नन्हा नवजात शुद्ध आत्मा हो
कर्तव्य परायण कर्म है तेरा

सेवा सपना का आधार हो तुम
भाई बहना अपना पराया सब

रिश्ते नाते मोह माया जग में
बदलते वक्त का काया हो तू

सम्मानआचरण संस्कार पूरित
जीवन है जग में श्रम कर्म ज्ञान

विद्या धर्म का स्थापन कारक हो
अनुशासन समाजिकता आदर्श

जनता मन का भाव भावना हो
एक भारत श्रेष्ठ भारत संस्थापक

मानव जन एकता का प्रचारक हो
समानता सदाचार उत्थान पतन

उत्कर्षता का मूल नियंत्रक हो
कोने बैठे जन एक आस हो तू

अरमान का परिणाम हो तुम
रूप श्रृंगार सजी माँ बेटी नारी

रक्षक नर नारायण जननायक
सत्य अहिंसा धर्म कर्मआस्था हो

तन मन धन से बड़ा शान ए तिरंगा
आन बान मान शौर्य बल हो तुम

प्रेरणायुक्त आचरण का आदर्श
कर्मपथ धर्मपथ जीवनपथ का

गातृभूमि के वीरपथ का राही हो
प्रेरणामयी जीवन का संचालक

दोषरहित संवेदनभाव पूरित हो
सत्य वाणी माधुर्य राग हो तुम

प्रकृति माता का रखवाला हो
माँ भारती का राजदुलारा हो
भारत का भाग्य विधाता तुम

समझ इसे क्या तुम हो ? तुम्हीं
तो देश जगत का सब कुछ हो ।

🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵

टी .पी . तरुण
(तारकेशवर प्रसाद तरूण )

Language: Hindi
153 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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