भोले शंकर की कृपा, जिसको होता प्राप्त।
भोले शंकर की कृपा, जिसको होता प्राप्त।
उसका जीवन हो सुखी, होता कष्ट समाप्त।।
दुख नाशी शिव का सदा, करिए मन से ध्यान।
शरणागत जो हो गया, वह तो बना महान।।
निराकार साकार हो, उसके कुछ हैं योग।
हृदय शिवाला हो चले, भाव भक्ति का भोग।।
अंतस बैठा जो मिले, बाहर ढूँढें लोग।
“पाठक” चित में पा लिया, शिव-शंकर संयोग।।
:- राम किशोर पाठक (शिक्षक/कवि)