हर गली उनकी मकां उनके शहर उनके थे
हर गली उनकी मकां उनके शहर उनके थे
हर घर उनका हवेली उनकी महल उनके थे
गरीब मोहब्बत की कोई इमारत नहीं जहां मे
बादशाह जिनकी थी ताजमहल उनके थे
मारूफ आलम
हर गली उनकी मकां उनके शहर उनके थे
हर घर उनका हवेली उनकी महल उनके थे
गरीब मोहब्बत की कोई इमारत नहीं जहां मे
बादशाह जिनकी थी ताजमहल उनके थे
मारूफ आलम