रूह कांप जाए जहां ठंड के मार से,

रूह कांप जाए जहां ठंड के मार से,
देश के बेटे खड़े है वहां सीना तान के,
देश की शरहदे जिनके हाथों महफूज़ है,
सिर कफ़न बांध प्रहरी बन है खड़े,
शत-शत नमन उन वीर पुत्रों को मेरा,
जिनके बलिदान से,देश गुलज़ार है ।।
रूह कांप जाए जहां ठंड के मार से,
देश के बेटे खड़े है वहां सीना तान के,
देश की शरहदे जिनके हाथों महफूज़ है,
सिर कफ़न बांध प्रहरी बन है खड़े,
शत-शत नमन उन वीर पुत्रों को मेरा,
जिनके बलिदान से,देश गुलज़ार है ।।