जीवन संगिनी

तुम हो मेरे जीवन की डोर,
तुमसे बंधी जिंदगी की छोर,
पद, प्रतिष्ठा, मान मर्यादा,
प्राण, आयु, जीवन आयाम,
दुख सुख और संघर्ष में,
साया बनके रहती हो साथ ।।
परिवार का तुम आधार,
बुनती सपनों का संसार,
खुशियां खिलती सुबह शाम,
घर की बगियां तुमसे गुलज़ार।
परिवार का तारतम्य तुम,
भावनाओं का हो भंडार।।
तुमसे सजे हैं हर दिन के रंग,
तुमसे जुड़े हैं रिश्तों के धागे,
तुम हो आशा, तुम हो विश्वास,
तुमसे है जीवन का हर सुवास,
तुम हो प्रेरणा, तुम हो संसार,
तुमसे ही रोशन मेरा घर संसार।।
@विहल