बड़ी मुद्दत से हम तांक रहें थे उनकी राह

बड़ी मुद्दत से हम तांक रहें थे उनकी राह
अब ना बहाने बचें और बची कुछ आस
इसीलिए अब सोचा मोड़ आ गया है
उतर जाना ही बेहतर
क्योकि इंतजार की भी इंतहा होती है
और खुद की भी कोई औकात✍️
बड़ी मुद्दत से हम तांक रहें थे उनकी राह
अब ना बहाने बचें और बची कुछ आस
इसीलिए अब सोचा मोड़ आ गया है
उतर जाना ही बेहतर
क्योकि इंतजार की भी इंतहा होती है
और खुद की भी कोई औकात✍️