खेतों में घंटों तक अपना वक़्त किसी ने बाँटा,

खेतों में घंटों तक अपना वक़्त किसी ने बाँटा,
चिलचिलाती धूप में जाकर पकी फ़सल तो काटा,
हम तो जाकर ले आते है आसानी से घर इसको
लेकिन आसानी से ना बनता ये गेहूँ का आटा,,
खेतों में घंटों तक अपना वक़्त किसी ने बाँटा,
चिलचिलाती धूप में जाकर पकी फ़सल तो काटा,
हम तो जाकर ले आते है आसानी से घर इसको
लेकिन आसानी से ना बनता ये गेहूँ का आटा,,