गहनतम अंधेरों मे प्रकाश में कर दूं।

गहनतम अंधेरों मे प्रकाश में कर दूं।
सोये हुए मन में ईश की ऊर्जा भर दूं।
मैं रेवा पुत्र हूं,कृष्ण का कृष्णा।
ओशो का इक सन्यासी ,तेरी पीड़ा को हर दूं।
दिया है घर वालो ने इक नाम प्यारा सा
मैं बृन्दावन बृन्दावन बृन्दावन।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”