जिन्दगी भी हर मोड़ पर, एक नया सबक देती है।

जिन्दगी भी हर मोड़ पर, एक नया सबक देती है।
फरेब के चेहरे से एक रोज जरूर, पर्दा हटा देती है।
शर्मसार होते है दगा देने वाले, अपनी ही महफ़िल में।
सीना तानकर चलने वाले को भी, घुटनों पे ला देती है।
श्याम सांवरा…..