अगर खुशी कोई मिले, यहाँ हमको

अगर खुशी कोई मिले यहाँ हमको, हम यह खुशी अपनी बांटें यहाँ सबको।
नफरत किसी से हम रखें नहीं यहाँ, चले साथ लेकर हम यहाँ सबको।।
अगर खुशी कोई मिले यहाँ हमको——————।।
हम फूल हैं यहाँ एक चमन के, हमको महकना है बस इसी में।
सबका बसेरा है बस इस जमीं पे, हुआ है जन्म सबका इसी पे।।
हम अपना समझे सबको यहाँ पर, हम खुश रखें सदा यहाँ सबको।
अगर खुशी कोई मिले यहाँ हमको——————।।
साकार सपनें हो यहाँ सभी के, और रोशनी हो यहाँ हर घर में।
गमों से भरा कोई दिल नहीं हो, चेहरा खुशी का मिले हर घर में।।
आये नजर कोई दुःखी यहाँ यदि, देकर खुशी हम हंसाये यहाँ सबको।
अगर खुशी कोई मिले यहाँ हमको——————।।
हमको नहीं हो अभिमान कोई, इंसान समझे हम सभी को यहाँ।
जज्बात समझे हम यहाँ सभी के, सम्मान दे हम सभी को यहाँ।।
मतलब के रिश्तें नहीं हो हमारे, कभी नहीं भूलें हम इंसानियत को।
अगर खुशी कोई मिले यहाँ हमको——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)