विश्वास की टूटती डोर से दम घुट रही है आज।

विश्वास की टूटती डोर से दम घुट रही है आज।
जब अपनों अपनों को नहीं है तो क्या करेगा बाज़
😭😭😭
अभिलेश श्रीभारती
विश्वास की टूटती डोर से दम घुट रही है आज।
जब अपनों अपनों को नहीं है तो क्या करेगा बाज़
😭😭😭
अभिलेश श्रीभारती