*बसौड़ा/शीतला सप्तमी-अष्टमी (भक्ति काव्य/ दोहे)*

बसौड़ा/शीतला सप्तमी-अष्टमी (भक्ति काव्य/ दोहे)
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1)
वंदन माता शीतला, अभिनंदन शत बार
चेचक-खसरा रोग से, हमें लगाऍं पार
2)
होली के पश्चात जब, सप्तम तिथि साकार
आई शीतल सप्तमी, सोमवार शुभ वार
3)
होली पर सर्दी गई, गर्मी की शुरुआत
अर्थ बसौड़े का यही, बासी बीती बात
4)
बासी खाने का करें, सारे जन परित्याग
कहे शीतला सप्तमी, होली की शुभ आग
5)
बासी भोजन चख लिया, समझो अंतिम बार
साक्षी हैं मॉं शीतला, करें भोग स्वीकार
6)
खान-पान का इस समय, रखिए शुद्ध विचार
मातु शीतला कह रहीं, अनुशासित आचार
7)
बासी भोजन की विदा, अद्भुत है त्यौहार
माता दुर्गा शीतला, चिंतन का नव-द्वार
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451