जय भस्मेश्वर महादेव
आरती: जय भस्मेश्वर महादेव
रचना: सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ
(1)
जय भस्मेश्वर महादेव,
हर हर महादेव,
भक्तों के दुख हरते स्वामी,
करते सबका भेद।
जय भस्मेश्वर महादेव…
(2)
डमरू बजाकर तांडव करते,
गंगा शीश विराजे।
भस्म रमाए भूतनाथ तुम,
सारे संकट भाजे।
जय भस्मेश्वर महादेव…
(3)
गले में नाग, जटा में गंगा,
शशि मुकुट अनूप।
त्रिशूल धरे, कृपा बरसाते,
हरते सारे कष्ट और क्लेश।।
जय भस्मेश्वर महादेव…
(4)
सोमनाथ के वंशज आए,
स्वप्न में दी जो वाणी।
अनुमा तट से शिवलिंग लाकर,
मूरत तेरी बिठाई।
जय भस्मेश्वर महादेव…
(5)
डॉ. सौरभ ने सेवा पाई,
मंदिर को नवजीवन दे डाला।
भक्ति का यह दीप जलाया,
शिव कृपा से हर मन निहाला।
जय भस्मेश्वर महादेव…
(6)
आरती तेरी जो जन गाए,
मनवांछित फल पावे।
सुख-समृद्धि से घर में छाए,
सब संकट पल में जावे।
जय भस्मेश्वर महादेव… जय भस्मेश्वर महादेव…