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18 Mar 2025 · 1 min read

” प्रेम “

” प्रेम ”
कहीं शब्द बिखरे अधरों पर
कहीं मौन ने खींची रेखा,
प्रेम तड़पता उर-अन्तर में
ये किस्मत का कैसा लेखा?

1 Like · 1 Comment · 34 Views
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