दिल की सब बातें तो

दिल की सब बातें तो
आँखें ही कहती है।
तब तो सब पीड़ा को,
गुमसुम ही सहती है।
खुश होती बहती है,
दुख में भी बहती है।
खारे से जल में वह,
दहती ही रहती है।
-ऋतुपर्ण
दिल की सब बातें तो
आँखें ही कहती है।
तब तो सब पीड़ा को,
गुमसुम ही सहती है।
खुश होती बहती है,
दुख में भी बहती है।
खारे से जल में वह,
दहती ही रहती है।
-ऋतुपर्ण