आँख का तारा होना अच्छा ,बीच भवर में सोना अच्छा

आँख का तारा होना अच्छा ,बीच भवर में सोना अच्छा
किसी पर निर्भरता से तो , तिनका तिनका बोना अच्छा
कोई ना मिले कांधा गर तो ,खुद ही खुद से रोना अच्छा
जरूरत पर छुप जाए जो ऐसे अपनों का खोना अच्छा
✍️कवि दीपक सरल