चंद रुपयों के लिए जो वतन को छोड़ कर गैर मुल्क में बस्ते है ,

चंद रुपयों के लिए जो वतन को छोड़ कर गैर मुल्क में बस्ते है ,
ऐसे शख्स ही वक्त आने पर न घर के होते है न घाट के होते है।
चंद रुपयों के लिए जो वतन को छोड़ कर गैर मुल्क में बस्ते है ,
ऐसे शख्स ही वक्त आने पर न घर के होते है न घाट के होते है।