मुक्तक

मुक्तक
———
सुहाने दिन अभी आये सुहानी रात बाकी है,
तुम्हारा राज पाने को अधूरी बात बाकी है।
अपने मन पटल पर कल्पना गढ़ते रहे वर्षों,
तुम्हारी रम्य सूरत का अभी दीदार बाकी है।।
~राजकुमार पाल (राज)
मुक्तक
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सुहाने दिन अभी आये सुहानी रात बाकी है,
तुम्हारा राज पाने को अधूरी बात बाकी है।
अपने मन पटल पर कल्पना गढ़ते रहे वर्षों,
तुम्हारी रम्य सूरत का अभी दीदार बाकी है।।
~राजकुमार पाल (राज)