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5 Mar 2025 · 1 min read

सीखा रही है ये जिन्दगी मुझे हर घड़ी हर पल,इस दुनिया में तरह-

सीखा रही है ये जिन्दगी मुझे हर घड़ी हर पल,इस दुनिया में तरह-तरह के लोग है।

बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”

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