सीखा रही है ये जिन्दगी मुझे हर घड़ी हर पल,इस दुनिया में तरह-
सीखा रही है ये जिन्दगी मुझे हर घड़ी हर पल,इस दुनिया में तरह-तरह के लोग है।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
सीखा रही है ये जिन्दगी मुझे हर घड़ी हर पल,इस दुनिया में तरह-तरह के लोग है।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”