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14 Mar 2025 · 1 min read

इस दिल में जो बसी थी वो भोली चली गई है।

इस दिल में जो बसी थी वो भोली चली गई है।
प्रेमी के चाहतों से रंगोली चली गई है।

किस वास्ते मैं खेलूं रंगों का पर्व पावन
उससे बिछड़ के मेरी होली चली गई है।

दीपक झा रुद्रा

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