भाईचारा

चाचा ताऊ वाले रिश्ते अब हम खोते जाते हैं,,
हम रिश्तों की राहों में खुद ख़ंजर बोते जाते हैं,,
याद रखो यह कमी एक दिन हमको बहुत रुलायेगी,,
आबरू हमारी आंखों के आगे ही लुट जायेगी,,
हम घट गए अगर दुनिया मे तो दुष्टो का शासन होगा,,
चीर हरण करने को फिर से पैदा दुशासन होगा,,
नही बचेगा धर्म सनातन और न हिंदुस्तान रहेगा,,
मंदिर मन्दिर तांडव करता कोई शैतान रहेगा,,
आज सियासी लोगो ने कैसे बीज बो दिये हैं,,
हम दो और हमारे दो के नारे सभी खो दिये हैं,,
अगर अभी हम चेत न पाये बुरा हाल हो जाएगा,,
अपने ही घर में रहना मुहाल हो जाएगा