प्रेम
तुझे पाने की खातिर, दुनिया से कई चले गए !
देख तेरी चन्द्र छवि नीर में, पाने हम नदी तले गए !!
तन्हा थे हम तेरे प्यार में, फिर भी जग को खले गए !
मुझसे जलकर बने कोयले, मेरे मुख पर मले गए !!
करना था जब इकरार, तुम बेकरार कर चले गए !
तेरे प्यार में ओ मेहरबां ! हम फिर छले गए !!
• विशाल शुक्ल