होली
रंग उड़े, उड़े रे गुलाल
होली आई डालो रंग लाल
रंग उड़े, उड़े रे गुलाल …….
भीगे सखी संग झूमे बहार
रंग सजा हर गली-बाजार
गूंजे गीत गाए होली
हो गए रंग से गाल भी लाल
रंग उड़े, उड़े रे गुलाल …….
ढोलक की थाप पे नाचे सारे
होली ने खोले जैसे खुशियों के द्वारे
रंगों का त्योहार है होली
आएगी अब फिर अगले साल
रंग उड़े, उड़े रे गुलाल ………
पिचकारी संग भीग रहे सब
नाचे मन मेरा, रुकता नहीं अब
खुशियों संग भर जाए झोली
जीवन में घोले मीठी ताल
रंग उड़े, उड़े रे गुलाल ………
बजे बांसुरी, बजे मृदंग
इक-दुजे पर डाले रंग
दहन हुआ तो जलती होली
बचाये प्रहलाद को नंद के लाल
रंग उड़े, उड़े रे गुलाल ……….
@ विक्रम सिंह