जीवन सार
गन्दी राजनीति अच्छे लोग !
मिलता मौका करते भोग !!
जिन्दगी जंग है खूब लड़ो !
लक्ष्य खड़ा तुम दौड़ पड़ो !!
झुको मत देखो चोटी पर !
रहे निशाना सिर्फ गोटी पर !!
मचलेगी मौज पार लगाने !
थामेंगे जो खड़े थे गिराने !!
गिरती पगड़ी सबक सिखाए !
सच्ची बंदगी नेकी कहलाए !!
जीवन सार तुम पा जाओगे !
नहीं तो अंत काल पछताओगे !!
• विशाल शुक्ल