तेज धूप में वो जैसे पेड़ की शीतल छाँव है,
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
हिम्मत का सफर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कहने को बाकी क्या रह गया
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
सारी रात मैं किसी के अजब ख़यालों में गुम था,
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
रुका तू मुद्दतों के बाद मुस्कुरा के पास है