सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
कभी मिलती नहीं आँखें मगर चाहत निभाती हैं
आर.एस. ‘प्रीतम’
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
कभी मिलती नहीं आँखें मगर चाहत निभाती हैं
आर.एस. ‘प्रीतम’