शब्द
विचारों को शब्द सरिता मे बहने दो !
अविरल अविचल धारा में इन्हें खोने दो !!
फिर रचेंगे ये नए सृजन का इतिहास !
बस विचारों का शब्द प्रवाह होने दो !!
विचारों को कभी कभी शब्द छलते हैं !
इन्ही शब्दों पर विचार पलते है !!
कभी कभी ऐसा होता है कि …
शब्दों को विचार छलते हैं !
पर विचारों पर शब्द नहीं पलते हैं !!
क्योंकि विचारों का जीवन
शब्द पर निर्भर है ये शब्द ब्रह्म हैं !
और शब्द रुपी ब्रह्म पर
निर्भर रहने वाले विचार हम हैं !!
• विशाल शुक्ल