कोरोना
एक साधना अकेले में रहकर !
एक साधना आश लगाकर !!
एक साधना स्पर्श बिना !
एक साधना खुद को जगाकर !!
एक साधना अपने जीवन की !
यानि अपने प्राण वरण की !!
एक साधना अस्त से उदय की !
सृष्टि के संचार अभ्युदय की !!
एक साधना घर में रहकर !
एक उपासना वीतरागी बनकर !!
काल दे रहा सबको निमंत्रण !
महामारी का रूप धरकर !!
• विशाल शुक्ल