*” महा कुंभ प्रयाग राज “*

” महा कुंभ प्रयाग राज “
देखो ये कैसा रेलम पेला है ,
हर जगह लगी है भीड़ यहां पे,
महा कुंभ का महा मेला है।
गंगा के किनारे खड़े होकर,
सिर से डुबकी लगाते हुए,
बस कुछ क्षण मिल जाए,
गंगा नदी को छूने को आतुर हैं यहां,
अमृत स्नान कर पुण्य कमाने को,
हथेलियों में गंगाजल ले सूर्य अराधना करते,
गंगा मइया की जयकार जय घोष लगाते।
छोटे बड़े संत महात्मा का अद्भुत नजारा,
न जाने कितने दूर से आके कुंभ स्नान कर जाते।
अपने पापों को धोने पुण्य कर्म कर गंगा नदी में उतर नहा जाते।
अमृत महा कुंभ तीर्थ स्थल त्रिवेणी संगम मे डुबकी लगाते।
जीवन धन्य बना निर्मल पवित्र आनंद मना जाते।
भारत भूमि में पवित्र स्थल माँ गंगा नदी तीन नदियों से मिल संगम कहलाते।
गंगाजल से पवित्र हो मन को सुकून शांति पाने आते।
शशि कला व्यास शिल्पी